प्यार संसार है
गुदगुदाए सदा
मीठी तकरार है
रोक दे वंश को
तेज तलवार है
क्या हुआ आज क्यों?
धार बेकार है
पाक ये प्रेम है
गुल हिना खार है
हार में जीत है
जीत में हार है
छंद लय सी मिलीँ,
साँसें दो चार है
दाम मत पूछना
ये न बाजार है
ये हिमालय तो है
साथ ही थार है
देख ना यूँ सनम
आँख तलवार है
आज भी यार की
साँस से प्यार है
रंग में डूबी है
साँस दिलदार है
कुमार अहमदाबादी/निकेता व्यास
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