गलतफहमी में मत रहो कि स्पर्श से रूठ जाएँगे
भँवरा न आया पास तो फिर कहाँ ये फूल जाएँगे
कांटो से जो डर गये तुम तो शर्तिया रूठ जाएँगे
चाहोगे गर बाहों में झुलाना शौक से झूल जाएँगे
झूलाने का मतलब जाना न समझा तो रूठ जाएँगे
आएँगे आप पास हमारे तो कुछ हम से लूट जाएँगे
पास आकर भी कुछ ना लूटा तो हम रूठ जाएँगे
कुमार अहमदाबादी
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