શનિવાર, 3 ડિસેમ્બર, 2011

गीत

गीत
मेरी आँख के एक एक आँसु पर गीत लिखूंगा
तेरी साँस के एक एक मोड़ पर गीत लिखूंगा
तू बेवफा है तो क्या हुआ ए दोस्त 
तेरी बेवफाई के एक एक पहलू पर गीत लिखूंगा

कहता हो तो कहता रहे जमाना बागी मुजे
मेरी एक एक बगावत पर मैं गीत लिखूंगा
प्यार गुनाह है तो हजार बार किया है
एक एक गुनाह पे हजार हजार गीत लिखूंगा

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